बाज़ीचः-ए-अत्फ़ाल है दुनिया मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे
इक खेल है औरंगे-ए-सुलेमाँ मेरे नज़दीक
इक बात है एजाज़े मसीहा मेरे आगे
जुज़ नाम, नहीं सूरते आलम मुझे मंजूर
जुज़ वहम नहीं, हस्ति-ए-आशिया मेरे आगे
होता है निहाँ गर्द में सहरा, मेरे होते
घिसता है जबीं ख़ाक पे: दरिया मेरे आगे
मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
तू देख के: क्या रंग है तेरा मेरे आगे
सच कहते हो, खुदबीन-ओ-खुदआरा हूँ, न: क्यूँ हूँ ?
बैठा है बूते आईन: सीमा मेरे आगे
फिर देखिए अन्दाज़े गुलअफ्शानि-ए-गुफ़्तार
रखदे कोई पैमान:-ए-सहबा मेरे आगे
नफ़रत का गुमाँ गुज़रे है, मैं रश्क से गुज़रा
क्यूँकर कहूँ, लो नाम न: उनका मेरे आगे
ईमाँ मुझे रोक है, जो खेंचे है मुझे कुफ्र
कअब: मेरे पीछे है कलीसा मेरे आगे
आशिक़ हूँ, पे: माशूक फ़रेबी है मेरा काम
मजनूँ को बुरा कहती है लैला मेरे आगे
खुश होते हैं, पर वस्ल में यूँ मर नहीं जाते !
आई शबे हिजराँ की तमन्ना मेरे आगे
है मौजज़न इक कुल्जुमे खूँ, काश ! यही हो
आता है अभी देखिए क्या-क्या मेरे आगे
गो हाथ को जुंबिश नहीं, आखों में तो दम है
रहने दो अभी सगार-ओ-मीना मेरे आगे
हमपेश:-ओ-हम मशराब-ओ-हमराज़ है मेरा
'ग़ालिब' को बुरा क्यूँ कहो अच्छा मेरे आगे
-मिर्ज़ा असद-उल्लाह: खाँ 'ग़ालिब'
___________________________________________________________________________________
बाज़ीचः-ए-अत्फ़ाल=बच्चों के खेल का मैदान; शब-ओ-रोज़=दिन रात; औरंगे-ए-सुलेमाँ='सुलेमान' अवतार का सिंहासन; एजाज़े मसीहा=ईसा(jesus) का चमत्कार; जुज़(सिवा) नाम=नाम के अतिरिक्त;
सूरते आलम(संसार)=संसार रूप; जुज़ वहम=भ्रम के सिवा; हस्ति-ए-आशिया=वस्तुओं का अस्तित्व; निहाँ=गुप्त; गर्द=धूल; सहरा=जंगल; जबीं=माथा; ख़ाक=मिट्टी(धरती);
खुदबीन-ओ-खुदआरा=अभिमानता और खुद को अलंकृत करने वाला; बूते आईन:=प्रेमिका का आईन; सीमा=खास कर; अन्दाज़े गुलअफ्शानि-ए-गुफ़्तार =बातों से फूल बरसने के समान;
पैमान:-ए-सहबा=अंगूरों की शराब का प्याला; गुमाँ=संभावना; रश्क=ईर्ष्या; ईमाँ=धर्म; कुफ्र=अधर्म(पाप); कअब:=काबा(मुसलमानो का तीर्थ स्थल ); कलीसा=गिरजा(ईसाईयों का पूजा स्थल);
माशूक फ़रेबी=धोका देने वाला; वस्ल=मिलन; शबे हिजराँ=विरह की रात्रि; मौजज़न=लहरें मारने वाला; कुल्जुमे खूँ=खून का दरिया; जुंबिश=हिलना; सगार-ओ-मीना=जाम और सुराही;
हमपेश:=जो कार्य मैं करूँ वही दूसरा करे; ओ=और; हम मशराब=मेरे ही स्वभाव का;
हमराज़=यहाँ 'भेदी' से अभीप्रयाय है;