Sunday, November 27, 2016

छोटी सी ज़िंदगी है हर बात में खुश रहो chhoti si zindagi hai har baat mein khus raho

chhoti-si-zindagi-hai-har-baat-mein-khus-raho
छोटी सी ज़िंदगी है
हर बात में खुश रहो

जो चेहरा पास ना हो
उसकी आवाज में खुश रहो

कोई रूठा हो तुमसे
उसके इस अन्दाज में खुश रहो

जो लौट कर नहीं आने वाले
उन लम्हों की याद में खुश रहो

कल किसने देखा है
अपने आज में खुश रहो

खुशियों का इन्तजार किस लिए
दूसरों की मुस्कान में खुश रहो

क्यों तड़पते हो हर पल किसी के साथ को
कभी-कभी अपने आप में खुश रहो

छोटी सी तो ज़िंदगी है
हर हाल में खुश रहो

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