Friday, December 2, 2016

किसी की आँख में आँसू कहीं ठहरा हुआ होगा Kisi ki aankh mein aansoo kahin ṭhahara hua hoga

 किसी की आँख में आँसू कहीं ठहरा हुआ होगा
किसी की आँख में आँसू, कहीं ठहरा हुआ होगा
यकीनन दर्द का दरिया भी वहीँ सूखा हुआ होगा

जमाने की रवायत ने जुदा तुमसे किया मुझको
भरी दुनियाँ लुटी होगी, बड़ा सदमा हुआ होगा

धुँधले पड़े होंगे वो 'अक्स' जो कभी दिल में थे
वक्त की चोट से आईना-ए-दिल चटका हुआ होगा

बना तस्वीर यादों की, लिखे वो खून से गजलें
लिखे खत थे कभी उसने, उन्हें पढता हुआ होगा

कहीं मिल जाए भूले से, न पहचाने मुझे अब वो
उसकी याद का आँसू, कहीं गिरता हुआ होगा

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