Saturday, February 26, 2011

चाँद तनहा है Chand Tanha Hai

Best Poetry Collection in Hindi
 चाँद  तनहा  है  आसमान  तनहा
दिल  मिला  है  कहाँ  कहाँ  तनहा

बुझ  गयी  आस  छुप  गया  तारा
थर  थराता  रहा  धुआं  तनहा

ज़िन्दगी  क्या  इसी  को  कहते  हैं
जिस्म  तनहा  है  और  जां  तनहा

हमसफ़र  कोई  गर  मिले  भी  कहीं
दोनों  चलते  रहे  तनहा  तनहा

जलती  बुझती  सी  रोशनी  के  परे
सिमटा  सिमटा  सा  एक  मकां तनहा

राह  देखा  करेगा  सदियों  तक
छोड़  जायेंगे  ये  जहां  तनहा
              
                                                      -मीना कुमारी