इब्ने मरियम हुआ करे कोई
मेरे दुख की दावा करे कोई
शर्र-ओ-आईन पर मदार शाही
ऐसे कातिल का क्या करे कोई
चाल जैसे कड़ी कमाँ का तीर
दिल में ऐसे के जा करे कोई
बात पर वाँ जबान कटती है
वो कहें और सुना करे कोई
बक रहा हूँ जुनूँ में क्या-क्या कुछ
कुछ न समझे खुदा करे कोई
न सुनो, गर बुरा कहे कोई
न कहो, गर बुरा करे कोई
रोक लो,गर गलत चले कोई
बख्श दो,गर खता करे कोई
कौन है जो नहीं है हाजतमंद ?
किसकी हाजत रवा करे कोई
क्या किया खिज्र ने सिकंदर से !
अब किसे रहनुमा करे कोई !
जब तवक्को ही उठ गई 'ग़ालिब'
क्यूँ किसी का गिला करे कोई
-असदुल्ला खान मिर्जा ग़ालिब
_________________________________________________
मरियम=मरियम का बेटा 'इसा';( इसा ! वह अवतार जो मृतकों को
जीवित और रोगियों को अच्छा कर देते थे ) ,शर्र-ओ-आईन=धार्मिक नियम,
मदार=निर्भर ,जा=जगह , हाजतमंद=इच्छुक , हाजत रवा करे=इच्छा पूरी करे
खिज्र=अवतार (वह जो अमर है और भटके हुओं का मार्ग दर्शन करते हैं )
सिकंदर=(Alexander) रहनुमा=मार्ग दर्शक , तवक्को=आशा
मेरे दुख की दावा करे कोई
शर्र-ओ-आईन पर मदार शाही
ऐसे कातिल का क्या करे कोई
चाल जैसे कड़ी कमाँ का तीर
दिल में ऐसे के जा करे कोई
बात पर वाँ जबान कटती है
वो कहें और सुना करे कोई
बक रहा हूँ जुनूँ में क्या-क्या कुछ
कुछ न समझे खुदा करे कोई
न सुनो, गर बुरा कहे कोई
न कहो, गर बुरा करे कोई
रोक लो,गर गलत चले कोई
बख्श दो,गर खता करे कोई
कौन है जो नहीं है हाजतमंद ?
किसकी हाजत रवा करे कोई
क्या किया खिज्र ने सिकंदर से !
अब किसे रहनुमा करे कोई !
जब तवक्को ही उठ गई 'ग़ालिब'
क्यूँ किसी का गिला करे कोई
-असदुल्ला खान मिर्जा ग़ालिब
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मरियम=मरियम का बेटा 'इसा';( इसा ! वह अवतार जो मृतकों को
जीवित और रोगियों को अच्छा कर देते थे ) ,शर्र-ओ-आईन=धार्मिक नियम,
मदार=निर्भर ,जा=जगह , हाजतमंद=इच्छुक , हाजत रवा करे=इच्छा पूरी करे
खिज्र=अवतार (वह जो अमर है और भटके हुओं का मार्ग दर्शन करते हैं )
सिकंदर=(Alexander) रहनुमा=मार्ग दर्शक , तवक्को=आशा
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